कोरोना के माहौल में मैं क्या करूँ कि अगर वायरस से संक्रमित हो भी जाएं, तो ये फेफड़ों पर हमला न कर पाए?
इसके लिए आपको पहले से ही होमवर्क करना होगा।
स्वयं और माता पिता दोनों को ही रोज़ कम से कम एक घंटा प्राणायाम करवाएं।
इम्युनिटी बढ़ाने वाला काढ़ा रोज़ पियें
खाली पेट जौ का पानी पिएं।
समय पर भोजन एवं समय पर शयन का ध्यान दें।
धूम्रपान चिकित्सा:
इसके अलावा जिस क्रिया से फेफड़े मज़बूत हो सकते हैं उनमे से एक का नाम है धूम्रपान चिकित्सा। ये चिकित्सा आयुर्वेद के अथर्ववेद में वर्णित है। इसकी विस्तृत जानकारी आपको दे रहा हूँ परन्तु याद रहे की कोरोना होने से पहले शरीर को मज़बूत बनाने का ये उपचार है इसे बीमारी के वक़्त करने का ज़ोखिम मत लें।
पहले से कराएंगे तो फेफड़े बीमारी झेलने के लिए तैयार रहेंगे।
फेफड़ों को मज़बूत करने व इंफेक्शन मारने के लिये अथर्ववेद में वर्णित धूम्रपान चिकित्सा:
क्रेडिट: नित्यानंद जी
फेफड़ों से इंफेक्शन मारने के लिये आयुर्वेद में इस चिकित्सा का प्रयोग करते हैं जिसके अंतर्गत गाय के गोबर के कंडे में बल्दा नामक औषधि के धुएँ में प्राणायाम किया जाता है।
कैसे बनती है ये बल्दा औषधि?
भीमसेनी कपूर, लौंग, गुड की चीनी, शतावरी व देशी गाय का घी इन्हें समान मात्रा में मिला कर ये औषधि बनती है।
इस विद्या से टी बी जैसे रोग भी ठीक होते हैं परंतु अभी तक कोरोना के मरीज़ों पर इसका कोई ट्रायल नहीं करवाया आयुष मंत्रालय ने। इस वजह से ये तो नहीं कहा जा सकता कि ये कोविड मरीज़ों पर काम करेगा। इसलिये ऐसे मरीज़ों पर तो बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं होना चाहिए इसका परंतु स्वस्थ व्यक्ति अपने फेफड़ों को मज़बूत करने के लिये इसका प्रयोग कर सकता है।
एक ऑक्सीमेटेर ले आएं और नियमित रूप से ऑक्सीजन नापें।
नोट: हाल ही में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में इसको ले कर कोरोना रोगियों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया है जो सफल रहा हैं और यूनिवर्सिटी ने एयरवैद्य धुप भी बना ली है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें:
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