योग करने से जीवन या सेहत में बदलाव

 यहाँ मै अपना एक व्यक्तिगत अनुभव बताना चाहूंगा | मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ | और हमारे क्षेत्र में लगभग हमें ८-८:३० घंटे प्रतिदिन कुर्सी पे बैठ के काम करना होता है तो ऐसी हालत में स्पोंडलिटिस जैसी बीमारियों का होना स्वाभाविक है | मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ | हालत ऐसी थी की मै चलता था तो भी सर चकराता था |

सबसे पहले मै इसके लिए लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में उपचार के लिए गया | जहाँ डॉक्टर्स ने कुछ दवाओं के साथ कुछ व्यायाम भी करने को कहा | रोज़ इन व्यायाम को करने के बाद भी सेहत में कुछ खास सुधार न था |

तत्पश्चात मैंने आयुर्वेदिक वैद्य को दिखाया | आपको यकीं नहीं होगा की उन्होंने लगभग ८५०/- रु. की दवा लिखी तो मैंने उनसे योग का परामर्श माँगा | तब उन्होंने बताया की योग करोगे तो इन दवाओं की कोई ज़रूरत नहीं | मै नित्य रूप से उनके द्वारा बताये गए भुजंग आसन को करता रहा और आज स्थिति ये है की मुझे रोज़ व्यायाम करने की ज़रूरत नहीं पड़ती| हाँ , कभी कभी गलत पोस्चर की वजह से अगर थोड़ी समस्या हो जाती है तो उसी आसन से दुबारा ठीक हो जाती है |

नोट : कृपया कोई भी बीमारी के लिए आसन उपयुक्त योगाचार्य की सलाह से करे वरना परिणाम कभी कभी उल्टा भी हो सकता है| स्वस्थ्य मनुष्य के लिए ये इतना आवश्यक नहीं है परन्तु रोग की अवस्था में योगाचार्य का परामर्श ज़रूर लें |

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

योग पोज़: कुछ सुझाव

योग का उद्देश्य और मौलिक अवधारणा

पीठ के दर्द को ठीक करने के लिए कौन सा योग आसन करना उचित है